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  कोई तो हो जो सुने तो सुने  बस मेरी निगाहों को क्योंकि जुबान पर अक्सर ताले और नजरो में   बहुत सारी परेशानियां रखता हूं मैं वो मुझसे बात करने आये और कहे  कि मुझसे नजरे मिलाओ और फिर हो यू कि वो कहे कि कुछ कहना चाहते हो जो नही कहना चाहते वो तो मैने सुन लिया इसे जोर जोर से ये बताये कि इसकी बची कुची दीवारे मैली है  जो रँगी जा सकती है  कुछ तस्वीरें टँगी है अब भी पुरानी है जो फेंकी जा सकती है हा वैसे काफी नुकसान तो हुआ है  दरो दीवार टूटने से मगर इसकी बुनियाद अब भी सलामत है कोई तो हो जो देखे और देखे बस मुझको कहे मुझसे  कि ये मुसकुराहट ना खूबसूरत तो है  मगर खास नही खास है ये जख्म जो तूने कमाए है  पहले नही कहे मुझसे कि ये खुशी मेरी है  नही कहे मुझसे कि जो मैं दिखती हु अब वो मैं हु नही मुझसे कि मैं अपनी नज़्मो को अपनी जहन के आगे का पर्दा बना कर रखती हूं पर्द  जिसके आर पार दिखता है  कहे मुझसे कि मेरी मुस्कुराहट मेरी नाकाम कोशिशें है अपने जज्बात पर लगाम लगाने की कहे मुझसे की ये नकाब उतारकर रख दे तू आईना देख महज खुद को देखने के लिए छुपाने के लिए नही कहे मुझसे कि तू दर्द का चेहरा है  दरारों से भरा हु

Latest poem in 2020 | Latest poem in Hindi | Latest poem |

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 LAtest poem in 2020 हो लाख जुल्म मगर बददुआ नही देंगे जमीन माँ है जमी को दगा नही देंगे हमे तो सिर्फ जगाना है सोने वालों को जो दर खुला है वहा सदा नही देंगे आज बात करूं तेरे कान में लगे उस झुमके की क्या कहूं, दिखने में तो बड़ा हसीन लगता है  पर सच कहूं, तुझ पर सजा हुआ और भी प्यारा लगता है  रिवायतों की सफे तोड़कर बड़ो वरना जो तुमसे आगे है वो रास्ता नही देंगे शराब पी के बड़े तजुरबे हुए है हमे शरीफ लोगो को हम मशवरा नही देंगे वजह नही बनना है मुझे तेरी आँखों की नमी का  मुझे तो मेरी जान तेरे होठो की मुस्कुराहट पसन्द है 

Latest shayari in Hindi | Latest Shayari in 2020 | Hindi Shayari | दिल को छू लेने वाली शायरी

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 Latest shayari in 2020 जिसको जैसी नियत वो वैसी ही फितरत रखता है  कोई परिंदो के लिए बन्दूक तो कोई परिंदो के लिए पानी रखता है  कभी सागर, कभी झील तो कभी जाम रखा है इश्क़ करने वालो ने भी आंखों का न जाने क्या क्या नाम रखा है  टूटा तारा देख कर किसी ने कहा मांग ले फ़रयाद कोई मैने कहा जो खुद टूट रहा है कैसे करेगा पूरी मुराद कोई हमे कहा मालूम होता है कि इश्क़ क्या है  बस एक तुम मिले ओर ज़िन्दगी मोहब्बत बन गई इस मतलबी दुनिया की एक बात निराली थी सब के पास सब कुछ था  बस दिल वाली जगह खाली थी जमाना कुछ भी कहे परवाह न कर ज़िसे जमीर न माने उसे सलाम न कर मत बरसाओ यू मोहब्बत इन बारिशो की तरह हम जो फिसल गए तो गजब होगा इश्क़ के ख्याल बहुत है इश्क़ के चर्चे बहुत है सोचते है हम भी करले इश्क़ पर सुनते ही इश्क़ में खर्चे बहुत है वक़्त सबको मिलता है  ज़िन्दगी बदलने के लिए ज़िन्दगी दोबारा नही मिलती वक़्त बदलने के लिए हसरते कुछ और है ओर दिल की इलतजा कुछ और है दिल चाहता कुछ ओर है  ओर होता कुछ ओर है कुछ तो चाहत रही होगी इन बारिश की बूंदों की भी वरना कौन जमीन पर गिरता आसमान तक पहुँचने के बाद भी Love u guys

Latest poem in 2020 | Latest poem in Hindi| Hindi poem in 2020 | Hindi poem

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 Latest poem in 2020 मैं जैसे चाहूँ जियूँ मेरी ज़िंदगी है मियां तुम्हे सलीका सिखाने की क्या पड़ी है मिया किसी से बिझडो तो ये सोचकर बिछड़ जाना ताल्लुकात से यह ज़िन्दगी बड़ी है मियां तुम्हारी सोचो के अक्सर खिलाफ होता है  तुम्हारे बारे में जो सोचती है मियां इस इंतिजार में क्यो हो वो लौट आएगा तुम्हारे प्यार में शायद कोई कमी है मियां बिझड गए तो किसी रोज मिल भी जाओगे  यह दुनिया ऐसी कहा कि बहुत बड़ी है मियां Hello guys कैसी लगी poem ? अपने दोस्तो के साथ शेयर करदो यार। COmment करके जाना दोस्तो। Love u always.

Latest poem in Hindi | जज्बे से भरी यह कविता हो गयी वायरल 2020 में

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 Latest poem in hindi Hindi poem in 2020 मैं लिखूंगा  तू अपनी औकात दिखा मैं अपना जोर दिखाऊंगा एक कदम पीछे धकेल ये ज़िन्दगी मैं चार कदम आगे आऊंगा मैं लिखूंगा मेरी कलम कभी तारीखों की गुलाम नही होगी मगरूर को कभी मेरी सलाम नही होगी तुम कह लो जो कहना है तुम जैसो के कहने पर मेरी कलम कभी बदनाम नही होगी तुम झूठ को लिखना मैं सच्चाई लिखूंगा तुम बुराई लिखना मैं अच्छाई लिखूंगा तुम लिख लेना बारिश और दिलकश मौसम पे मैं तबाही लिखूंगा मैं लिखूंगा तुम मोहब्बत पे लिखना मैं मसलो पे लिखूंगा तुम कल्पनाओ को लिखना मैं कटाक्ष लिखूंगा तुम धोखे पे लिखना मैं देश पे लिखूंगा तुम फरेब पे लिखना मैं फर्ज पे लिखूंगा मैं लिखूंगा सच को कब किसने स्वीकारा है क्रांति को अक्सर ही नकारा है अरे खून को साबित करना इतना सरल नही अरे खून को साबित करना इतना सरल नही तेरी चीख के बदले मेरी कलम ने हुंकारा है मैं लिखूंगा अभी तो ये पहला अध्याय है मैं पूरी किताब लिखूंगा तेरे एक एक जुल्म सितम का मैं तबियत से हिसाब लिखूंगा अपनी कलम में सच्चाई भर के मैं तेरे लिए मुँह तोड़ जवाब लिखूंगा ओर जिसे कहते है सब नामुमकिन मैं हर वो ख्वाब लिखूंगा मैं लिखू

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 Love Shayari 2020 Hindi love Shayari 2020 Love shayari in Hindi दिल मे दर्द जुबा पर इल्जाम है  तेरे दिये जख्मो से पाया ये  मुकाम है  कि मेरे चेहरे पर रुतबा और हाथों में जाम है कि तेरा वो आशिक़ मेरा गुलाम है  तेरा वो आशिक़ मेरा गुलाम है  तू इश्क़ मेरा परखने वाला जानू-जान तली पर रखने वाला सारा अमृत तुझको देकर जहर-निवाला चखने वाला तेरे गुनाहों को ढकने वाला जो तू कहे वह बकने वाला आज खड़ा सरेआम है पर तेरे वो आशिक़ मेरा गुलाम है आशिक़ी छिछोरे करे इश्क़ कोई रेयर करता है  तेरी खामियों के साथ अपनाया है तुझे ऐसा कौन डियर करता है  वो जो आजकल तेरी केयर करता है जानू की वीडियो शेयर करता है  गुमते-फिरते मुझे करता सलाम है कि तेरा वो आशिक़ मेरा गुलाम है  हर गंदे ख्याल को दिमाग से दफा करता था तेरी बेवफाई से भी वफ़ा करता था जाना कब मैं तुझे खफा करता था पर देख आज मचा रखा हमने कत्लेआम है  कि तेरा वो आशिक़ मेरा गुलाम है  तेरे लबो को छूकर गुजरा वो लम्हा लौट के आया ना मैंने मर जाना था तेरे बिना तुझे किसी ने बताया ना तेरे होंठ, तेरी आँखों इन सब में मैं समाया ना मुझे छोड़कर जाते वक़्त तुझे किसी ने समझाया ना मैंने चाहा तुझ

Latest poetry in 2020 | Adhura pyaar poetry | Hindi poetry in 2020 | अधूरा प्यार कविता | lêgëñd Bøy Dürgësh

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अधूरा प्यार |Adhura Pyaar Latest poem in 2020 Hindi poem in 2020 Hindi poetry in 2020  खुद की तलाश में खुद को मिलो भटकाया करती हूं बस इसी बहाने जिंदगी का हिसाब चुकाया करती हूं अभी अभी तो पर फैलाये है  अभी तो लम्बी उड़ान की तैयारी है  इससे आगे मेरी नही मेरे अल्फाजो की बारी है अधूरी थी अधूरी हु और अधूरी ही रह जाऊँगी तेरी प्रेम कहानी का एक किस्सा में कहलाऊंगी जान मैं अंधेरी रात, तू खुशनुमा अंधेरा है  शायद अपने मिलन का ना बना कोई पहर है  मैं जब ढलने लगूंगी तू आता दिखेगा मुझे फिर इन पंछियो संग तू कुछ गुनगुनाता दिखेगा मुझे लेकिन तेरे सामने आकर भी मैं तुझसे ही छिप जाउंगी अधूरी थी अधूरी हु और अधूरी ही रह जाउंगी तेरी प्रेम कहानी का एक हिस्सा में कहलाऊंगी कहते है लोग ये रात तू बड़ी खुशनसीब है कौन जाने तन्हा अंधेरे में जब खुद से ही घबराती हु तेरी एक झलक पाने को सौ मौते मर जाती हु चाहूं तुझको जितना जाना पर ये दूरी ना भर पाऊँगी और जानती हूं बेहतर है कुछ किस्सो का किस्सा ही रह जाना पर मेरे दिल में मुश्किल है किसी ओर का आना तेरे बिन मेरी हर पहचान अधूरी है  शायद मेरी मोहब्बत की इकलौती मजबूरी है और लेकिन