Latest poetry in 2020 | Adhura pyaar poetry | Hindi poetry in 2020 | अधूरा प्यार कविता | lêgëñd Bøy Dürgësh
अधूरा प्यार |Adhura Pyaar
Latest poem in 2020
Hindi poem in 2020
Hindi poetry in 2020
खुद की तलाश में खुद को मिलो भटकाया करती हूं
बस इसी बहाने जिंदगी का हिसाब चुकाया करती हूं
अभी अभी तो पर फैलाये है
अभी तो लम्बी उड़ान की तैयारी है
इससे आगे मेरी नही मेरे अल्फाजो की बारी है
अधूरी थी अधूरी हु और अधूरी ही रह जाऊँगी
तेरी प्रेम कहानी का एक किस्सा में कहलाऊंगी
जान मैं अंधेरी रात, तू खुशनुमा अंधेरा है
शायद अपने मिलन का ना बना कोई पहर है
मैं जब ढलने लगूंगी तू आता दिखेगा मुझे
फिर इन पंछियो संग तू कुछ गुनगुनाता दिखेगा मुझे
लेकिन तेरे सामने आकर भी मैं तुझसे ही छिप जाउंगी
अधूरी थी अधूरी हु और अधूरी ही रह जाउंगी
तेरी प्रेम कहानी का एक हिस्सा में कहलाऊंगी
कहते है लोग ये रात तू बड़ी खुशनसीब है
कौन जाने तन्हा अंधेरे में जब खुद से ही घबराती हु
तेरी एक झलक पाने को सौ मौते मर जाती हु
चाहूं तुझको जितना जाना
पर ये दूरी ना भर पाऊँगी
और जानती हूं बेहतर है कुछ किस्सो का किस्सा ही रह जाना
पर मेरे दिल में मुश्किल है किसी ओर का आना
तेरे बिन मेरी हर पहचान अधूरी है
शायद मेरी मोहब्बत की इकलौती मजबूरी है
और लेकिन तेरी एक पल की चाहत पर
मैं सदिया आज लुटाऊंगी
अधूरी थी अधूरी हु और अधूरी ही रह जाउंगी
तेरी प्रेम कहानी का एक हिस्सा में कहलाऊंगी
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