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Latest poem in 2020 मैं जैसे चाहूँ जियूँ मेरी ज़िंदगी है मियां तुम्हे सलीका सिखाने की क्या पड़ी है मिया किसी से बिझडो तो ये सोचकर बिछड़ जाना ताल्लुकात से यह ज़िन्दगी बड़ी है मियां तुम्हारी सोचो के अक्सर खिलाफ होता है तुम्हारे बारे में जो सोचती है मियां इस इंतिजार में क्यो हो वो लौट आएगा तुम्हारे प्यार में शायद कोई कमी है मियां बिझड गए तो किसी रोज मिल भी जाओगे यह दुनिया ऐसी कहा कि बहुत बड़ी है मियां Hello guys कैसी लगी poem ? अपने दोस्तो के साथ शेयर करदो यार। COmment करके जाना दोस्तो। Love u always.