Ishq nhi Teri Khushi chahiye
मुझे हर एक जिक्र में उसका जिक्र चाहिए
और ये तुम्हे मालूम होना चाहिए
मै इस महफ़िल से उठकर खुदा की महफ़िल में क्यू न चला जाऊं
फिर भी मुझे हर एक महफ़िल में उसका जिक्र चाहिए
इस रात की गहराई से ज्यादा उसकी आँखों की गहराई है
ना जाने क्यों उसकी आँखों में मेरी ही परछाई है
जब भीगती है उसकी पलके मेरी वजह से
तो बोल देती है पानी ही तो है आंसू थोड़ी है
और तुम मेरे आंसुओ से घबराना मत
मेरे आंसुओ से ज्यादा खुशी मुझे तेरी है
जो पाया है मेने तुझसे इश्क़
मेरे आंसुओ से ज्यादा तू जरूरी है
उनका इश्क़ हमारे इश्क़ को गलत बताते है
जो क्या समझेंगे इश्क़ खुद दगा दे जाते है
मेरा इश्क़ तो उसकी रूह से था
जो मेरे इश्क़ को जिस्मानी समझते है
वो क्या समझेंगे इश्क़ के बारे में
जो खुद इश्क़ के नाम पर दगा दे जाते है
और इस मतलबी दुनिया मे बेपनाह चाहा था उसे
जो आज तक किसी ने किसी को ना चाहा था अब तक
मेने इस कदर चाहा था उसे
और वो बात करते है जिस्मानी इश्क़ की मुझसे
जो खुद इश्क़ के नाम पर जिस्मानी इश्क़ करते है
और वो आज मुझे समझा रहे है इश्क़ के नाम पर
जो खुद इश्क़ में दगा दे जाते है
वो बालो को सवारती है अपने हुस्न से पहले
वो कैसी पागल है
वो बिना सिंगार किये चली आती है मुझसे मिलने
वो कैसी पागल है
वो इस कदर इश्क़ करती है मुझसे
वो अपनी सब खुशिया लुटा देती है मुझपे
ओर समेटकर अपनी बाहों में मुझे पूरी रात सिंगार करती है
वो कितनी पागल है
वो मेरी सांसो में बसती है में उसे खुद से अलग कैसे करदु
मेरी सांसे थम सी जाती है उसके बिना अब तुम ही बताओ में उसे खुद से अलग कैसे करदु
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