Kanha Kamboj की 10 बेहतरीन शायरी
Kanha kamboj shayari Best Shayari kanha Kamboj Kanha ki top shyari कुछ तो जला होगा यू बेवजह दुआ तो न हुआ होगा जिसे डरते थे ख्वाब में देखने को भी वो हादसा हकीकत में कैसे हुआ होगा और मेरे हाथ काँपते है उसकी तस्वीर को छूते हुए ये दोस्त वो गैर के साथ बिस्तर पर कैसे सोया होगा ये कैसा सितम था उसका , कुछ पलों की मोहब्बत के लिए मुझे सालो आजमाया गया उन्होंने पहले मेरी फासी मुकरर कर दी , अदालत मुझे बाद में ले जाया गया गिरा ले मुझे अपनी नजरो से कितना ही, झुकने पर तो मजबूर में तुझे भी कर दूंगा एक बार बदनाम करके तो देख मूझे महफ़िल में कसम से शहर में मशहूर मैं तुझे भी कर दूंगा सारी रात उसे छूने से डरता रहा मैं बेबस बेचैन बस करवटे बदलता रहा हाथ तो मेरा ही था उसके हाथ मे बस बात ये है कि जिक्र किसी ओर का चल रहा बेवफाई की सारी हदें वो पार कर चुकी होगी अपनी बदन की आबरू को वो तार तार कर चुकी होगी मेरे अलावा किसी ओर के साथ हम बिस्तर होकर वो ये कमाल कर रही होगी किसकी उंगलियां है तेरे बिस्तर पर उसकी चादर भी उससे ये सवाल कर रही होगी तूने रिश्ता तोड़ा है मजबूरी होगी में मानता हूं मुझे तो निभाने दे मैं तुझसे भ